तुझसे मिलके बड़ी खुशी हुई
बस इतना बोलके निकल जाने से
मुझे खुशी थोड़ी ना होगी
अगर बात और नहीं बड़ा पाऊँ
तो मेरे साया से भी पीछे पड जाऊँगा
तो जैसे सब लोग करते हें
मैंने भी उससे दोस्ती किया
कोफ़ी पीते थे हम साथ साथ
राज़ हम बाँटते थे एक दूसरे के साथ
धीरे धीरे बाहर की मौसम जो भी था
मन के अंदर तो सावन ने घर बसा लिया
प्यार से दुनिया भरने का भाषण सब देते हैं
फिर प्यार की बातें करना इतना मुश्किल क्यूँ हैं
अगर दोस्ती बस एक बहाना था और प्यार एक वजह
क्या इस बात पे छूटेगा अपना हाथ
पूरे डेरींग के साथ जब बोलने गया दिल की बात
बस एक ही बात बोली उसने
क्या दोस्त से नहीं तो दुश्मन से करेगा कोई प्यार?
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